एक कुत्ते कि कहानी लालच बुरी बला
लालच बुरी बला है| हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए| जो भी इंसान लालच करता है वह अपनी लाइफ में कभी भी खुश नहीं रह सकता| हमें अपनी मेहनत या किस्मत का जितना भी मिल गया| उससे अपना काम निकालना चाहिए

एक कुत्ते कि कहानी लालच बुरी बला
एक गाँव में एक कुत्ता था| वह बहुत लालची था| वह भोजन की खोज में इधर – उधर भटकता रहा| लेकिन कही भी उसे भोजन नहीं मिला| अंत में उसे एक होटल के बाहर से मांस का एक टुकड़ा मिला| वह उसे अकेले में बैठकर खाना चाहता था| इसलिए वह उसे लेकर भाग गया| एकांत स्थल की खोज करते – करते वह एक नदी के किनारे पहुँच गया| अचानक उसने अपनी परछाई नदी में देखी| उसने समझा की पानी में कोई दूसरा कुत्ता है जिसके मुँह में भी मांस का टुकड़ा है |
उसने सोचा क्यों न इसका टुकड़ा भी छीन लिया जाए तो खाने का मजा दोगुना हो जाएगा| वह उस पर जोर से भौंका| भौंकने से उसका अपना मांस का टुकड़ा भी नदी में गिर पड़ा| अब वह अपना टुकड़ा भी खो बैठा| अब वह बहुत पछताया तथा मुँह लटकाता हुआ गाँव को वापस आ गया|
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है आइये जाने
लालच बुरी बला है| हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए| जो भी इंसान लालच करता है वह अपनी लाइफ में कभी भी खुश नहीं रह सकता| हमें अपनी मेहनत या किस्मत का जितना भी मिल गया| उससे अपना काम निकालना चाहिए
लेकिन अगर हम थोड़ा ज्यादा के चक्कर में लालच करेंगे तो हमारे पास अभी जितना है उससे भी हाथ धोना पड़ सकता है| इसलिए कहते है ज्यादा लालच अच्छा नहीं होता| अपने सुना ही होगा
उम्मीद है कहानी अच्छी लगी होगी आप सभी को