किसान सूर्योदय योजना: ऑनलाइन आवेदन कि प्रक्रिया क्या है

किसान सूर्योदय योजना के तहत बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। राज्य के जो किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना होगा।

किसान सूर्योदय योजना: ऑनलाइन आवेदन कि प्रक्रिया क्या है
Kisan Suryoday Yojana

 चलिये जाने  किसान सूर्योदय योजना क्या है 

यह योजना गुजरात राज्य के किसानो के बहुत ही लाभकारी योजना है। अब गुजरात के किसानो को सिचाई के लिए पानी की परेशानी नहीं होगी।किसान सूर्योदय योजना के तहत राज्य के किसान दिन में सिचाई के लिए तीन फेज बिजली प्राप्त करके अपने खेतो की अच्छे से सिचाई कर सकेंगे। जिससे उन्हें काफी लाभ होगा। गुजरात राज्य सरकार ने 2023 तक इस योजना के तहत बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। राज्य के जो किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते है तो उन्हें इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना होगा। इस गुजरात किसान सूर्योदय योजना के तहत पहले चरण में दाहोद, पाटण, महिसागर, पंचमहाल, छोटा उदयपुर, खेड़ा, आणंद और गिर-सोमना जिले को शामिल किया गया है शेष बाकि बचे जिलों को चरणबद्ध तरीके से इस योजना में शामिल किया जायेगा

आइये जाने किसान सूर्योदय योजना का उद्देश्य क्या है 

जैसे की आप लोग जानते है कि गुजरात राज्य के किसानो पानी की समस्या होने के कारण अपने खेतो में सिचाई नहीं कर पा रहे है जिसकी वजह से गुजरात के किसानो को भरी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी समस्या को देखते हुए हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने इस किसान सूर्योदय योजना को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी के नेतृत्व में गुजरात राज्य में शुरू किया है। इस योजना के ज़रिये राज्य के किसानो को दिन में सिचाई के लिए सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक बिजली प्रदान करना। जिससे वह अपने खेतो में दिन में सिचाई कर सके। इस योजना के ज़रिये किसानो की आदमी के बढ़ोतरी होगी। इस किसान सूर्योदय योजना  के ज़रिये सिंचाई के लिए दिन के समय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना।

आइये जान ले किसान सूर्योदय योजना  कि  हाईलाइट 

योजना का नाम किसान सूर्योदय योजना
इसके द्वारा शुरू की गयी पीएम मोदी और गुजरात सरकार द्वारा
लाभार्थी राज्य के किसान भाई
उद्देश्य राज्य में सिचाई के लिए बिजली की आपूर्ति करना

किसान सूर्योदय योजना मुख्य तथ्य क्या है चलिए जाने 

  • इस योजना के तहत अगले 2-3 वर्षों में लगभग साढ़े 3 हजार सर्किट किलोमीटर नयी ट्रांसमिशन लाइनों को बिछाने का काम किया जायेगा
  • गुजरात राज्य सरकार ने 2023 तक इस Kisan Suryoday Yojana के तहत बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने  आज शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने गृह राज्य गुजरात में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
  • गुजरात किसान सूर्योदय योजना के तहत पहले चरण में दाहोद, पाटण, महिसागर, पंचमहाल, छोटा उदयपुर, खेड़ा, आणंद और गिर-सोमना जिले को शामिल किया गया है शेष बाकि बचे जिलों को चरणबद्ध तरीके से इस योजना में शामिल किया जायेगा।
  • इस योजना के ज़रिये राज्य में ट्रांसमिशन की बिल्कुल नयी कैपेसिटी तैयार करके ये काम किया जा रहा है।

आइये देखे किसान सूर्योदय योजना के लाभ क्या है 

  • इस योजना का लाभ गुजरात राज्य के किसानो को पहुंचाया जायेगा।
  • राज्य के किसानो को इस योजना के तहत अपने खेतो में सिचाई के लिए दिन में सुबह 5 बजे से लेकर रात 9 बजे तक बिजली की सुविधा की जाएगी। जिससे वह अपने खेतो में सिचाई कर सकते है।
  • किसान सूर्योदय योजना  के ज़रिये किसानो को पानी को लेकर समस्या दूर होगी।

चलिए जान ले किसान सूर्योदय योजना में आवेदन कैसे करे ?

राज्य के जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना के तहत सिचाई के लिए बिजली प्राप्त करने के लिए आवेदन करना चाहते है तो उन्हें अभी थोड़ा इंतज़ार करना होगा। क्योकि आज के दिन यानि 24 अक्टूबर को  ही हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस किसान सूर्योदय योजना का उद्घाटन किया है। इस योजना के तहत अभी ऑनलाइन आवेदन  को लेकर कोई अधिकारी सूचना जारी नहीं की गयी है। जैसे ही गुजरात सरकार द्वारा इस किसान सूर्योदय योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदन प्रक्रिया को शुरू कर दिया जायेगा। 

गुजरात 80 फीसद घरों में आज नल से जल

pm  मोदी जी द्वारा गुजरात में बिजली के साथ-साथ सिंचाई और पीने के पानी के क्षेत्र में भी शानदार काम किया गया है। बीते  कुछ सालों के प्रयासों से आज गुजरात के उन गांवों तक भी पानी पहुँचाया गया है, जहां कोई पहले सोच भी नहीं सकता था। गुजरात राज्य के करीब 80 फीसद घरों में आज नल द्वारा जल पहुँचाया जा चुका है। बहुत जल्द गुजरात देश के उन राज्यों में गिना जायेगा, जिसके हर घर में पाइप से जल पहुंचाया जायेगा।

आइये जाने सौर ऊर्जा के लिए व्यापक नीति क्या है 

 गुजरात एक पहला राज्य था, जिसने सौर ऊर्जा के लिए एक दशक पहले ही व्यापक नीति बनाई थी। हम जानते हैं कि जब साल 2010 पाटन में सोलार पावर प्लांट का उद्घाटन हुआ था, तब किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन भारत दुनिया को ‘वन वन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का रास्ता दिखाएगा। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा सौर ऊर्जा से जुडी व्यापक नीति बनायी गयी, जिससे बिजली की बचत भी संभव हो सकी।

गुजरात की शक्ति, भक्ति और स्वास्थ्य के प्रतीक

गुजरात में योजनाओं का सही उपयोग होने के कारण एक समृद्ध राज्य बन गया है, जिससे यह राज्य देश में सबसे प्रगतिशील माना जाता है। आज गुजरात को किसान सर्योदय योजना, यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ़ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च के साथ संबद्ध पीडियाट्रिक हार्ट अस्पताल और गिरनार रोप-वे मिल रहा है। ये तीनों एक प्रकार से गुजरात की शक्ति, भक्ति और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं।

 आइये जाने गुजरात के किसानों को बड़ी सौगात क्या है 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गुजरात किसान सूर्योदय योजना का उद्घाटन किया गया है। गुजरात राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2023 तक इस योजना के तहत बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे किसानों को बिजली की आपूर्ति महसूस नहीं होगी। प्रधानमंत्री जी द्वारा यह योजना किसानों के लिए एक सौगात बनकर आयी है।

आइये जाने पीडियाट्रिक हार्ट अस्पताल कब तक बनेगा 

भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर के साथ जुड़े बाल चिकित्सा अस्पताल का भी उद्घाटन किया गया है। यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी का 470 करोड़ रुपये की लागत द्वारा विस्तार किया गया है। इस विस्तार परियोजना के पूरा होने पर बिस्तरों की संख्या 450 से बढ़ाकर 1251 कर दी जाएगी। इस संस्थान को देश का सबसे बड़ा एकल सुपर स्पेशियलिटी कार्डियक शिक्षण संस्थान भी बनाया जाएगा और दुनिया के सबसे बड़े एकल सुपर स्पेशिएलिटी कार्डिएक अस्पतालों में से एक होगा।

गिरनार रोप-वे का किया उद्घाटन

केंद्र सरकार द्वारा गिरनार रोप-वे परियोजना का भी शुभारंभ किया गया है। इस योजना के शुरू में 25-30 केबिन होंगे, प्रति केबिन में 8 लोगों की क्षमता होगी। कम से कम 2.3 किलोमीटर की दूरी तय करने में रोपवे से 7.5 मिनट का समय लग जायेगा। इस परियोजना की परिकल्पना दो दशक पूर्व की गई थी परन्तु हाल ही में 130 करोड़ रुपये की लागत से इसको पूरा किया गया है।